बिहार मे बाढ से तबाही, गंडक का तटबंध टूटा तो दो प्रखंड के 12 गांव हुआ जलमग्न।
बिहार के गोपालगंज में गंडक का मुख्य तटबंध गुरुवार देर रात देवापुर में टूट गया। तटबंध टूटने से बाढ़ का पानी बरौली और मांझा प्रखंड के 12 से अधिक गांवों में घुसने लगा है। वहीं बाढ़ से अबतक 45 गांव पूरी तरह प्रभावित है। उधर नेपाल के वाल्मीकी नगर बराज से छोड़े गए सर्वाधिक साढे चार लाख क्यूसेक पानी के गोपालगंज पहुंचने के बाद गुरुवार को गंडक नदी बेकाबू हो गई।
एक दर्जन से अधिक स्थानों पर पानी के तटबंध के ऊपर से बहने की स्थिति बन गई है। विश्वंभरपुर में जलस्तर खतरे के लाल निशान से दो मीटर ऊपर पहुंच गया है। बीस से अधिक जगहों पर रिसाव से तटबंध के टूट जाने का खतरा बढ़ गया है। सिकटिया गांव के पास छरकी के ऊपरी भाग और नदी के जलस्तर में मात्र एक फुट की दूरी बच गई है।
सलेमपुर मठिया टोला के सामने छरकी के किनारे स्थित दुर्गा मंदिर के छत तक पानी पहुंच गया है। वहां पीछे की तरफ नदी छरकी में कटाव कर रही है। सिधवलिया थाने के हसनपुर गांव के पास बाढ़ का पानी छरकी से ओवर टॉप की स्थिति में पहुंच गया है।
सरफरा व देवापुर गांव के पास छरकी व सारण बांध में कई स्थलों पर तेज रिसाव हो रहा है। जलसंसाधन विभाग तटबंध को बचाने में जुटा है। नदी के जलस्तर में तेजी से लगातार वृद्धि हो रही है। बाढ़ से सहमे तटवर्ती गांवों के ग्रामीण लगातार पलायन कर रहे हैं। अब तक बाढ़ से 45 गांव पूरी तरह प्रभावित हो चुके हैं। दो हजार से अधिक घरों में पानी घुस गया है।
सभी जगहों पर नदी खतरे के निशान से ऊपर
इंजीनियरों ने बताया कि गंडक नदी विशम्भरपुर में लाल निशान से 2 मीटर, पतहरा में 170, डुमरिया घाट में 145 व मटियारी में लाल निशान से 1 मीटर ऊपर बह रही है। जिससे बाढ़ की स्थिति गंभीर बनी हुई है। सारण बांध व छरकियों पर पानी का दबाव बढ़ गया है।
पानी का डिस्चार्ज हुआ कम
बुधवार से वाल्मीकी नगर बराज से लगातार ढाई लाख से भी कम पानी छूटने लगा है। जिससे नदी के जलस्तर में कमी आने की संभावना है। पतहरा में जलस्तर बढ़ने की रफ्तार कम होने लगी है।
डीएम ने रात को लिया जायजा
बांध व छरकियों को बचाने के लिए जिले के अधिकारी रात दिन जुटे हुए हैं। इनकी रातें छरकी व बांध पर ही कट रही हैं। डीएम अरशद अजीज, एसडीएम उपेन्द्र पाल व अन्य अधिकारियों ने बुधवार की देर रात सिकटिया, भैसहीं, पतहरा, ख्वाजेपुर, विक्रमपुर सहित सारण बांध व छरकियों के कई स्थलों का निरीक्षण किया व मरम्मत कार्य की जानकारी ली।
वाल्मीकी नगर बराज से छोड़ा गया सर्वाधिक 4 लाख 37 हजार क्यूसेक पानी जिले से होकर गुजर रहा है। जिससे नदी में भारी उफान है। कालामटिहनिया से लेकर बसंत बंगला तक सारण बांध व छरकियों पर नदी का भीषण दबाव बरकरार है। नदी का पानी छरकी पर कई जगह ओवर टॉप करने की स्थिति में है। रिसाव भी हो रहा है। सभी स्थलों पर मरम्मत कार्य चल रहा है। -जीवनेश्वर रजक, कार्यपालक अभियंता, गोपालगंज
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